हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दो युवतियों के चलती सरकारी गाड़ी से कूदने की घटना की असल वजह अब सामने आ गई है। दोनों युवतियां मध्य प्रदेश की रहने वाली थीं और MBBS फाइनल ईयर की छात्राएं थीं। वे हिमाचल की यात्रा पर थीं और धर्मशाला में ठहरी हुई थीं।
शनिवार रात वे भोजन के लिए एक ढाबे पर जा रही थीं, तभी रास्ते में उन्होंने हिमाचल सरकार की एक बोलेरो गाड़ी को लिफ्ट के लिए रोका। गाड़ी में केवल ड्राइवर मौजूद था, जिसने उन्हें बैठा लिया। लेकिन जब ढाबे के पास पहुंचने पर युवतियों ने गाड़ी रुकवानी चाही, तब ड्राइवर ने वाहन नहीं रोका। इस पर घबरा कर दोनों युवतियां एक-एक कर चलती गाड़ी से कूद गईं।
स्थानीय व्यापार मंडल के सदस्य तुरंत मौके पर पहुंचे और दोनों को अस्पताल पहुंचाया। घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद ड्राइवर स्वयं पुलिस थाने पहुंचा और सफाई दी। वह DRDA विभाग में कार्यरत है और बोलेरो वही विभागीय गाड़ी थी। ड्राइवर ने बताया कि उसने ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग कर रखा था और फोन पर बातचीत में व्यस्त होने के कारण वह युवतियों की बात नहीं सुन पाया।
ड्राइवर ने यह भी बताया कि जब युवतियां कूदीं, तो वह घबरा गया और मौके से भाग गया। जांच के बाद कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया कि मामले में कोई आपराधिक मंशा नहीं पाई गई है। युवतियों ने भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई और वे अब वापस मध्य प्रदेश लौट चुकी हैं।
यह घटना एक सामान्य गलतफहमी और संचार की कमी का नतीजा थी, जो गंभीर परिणाम ला सकती थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी वाहनों में ड्राइवरों की सतर्कता और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है।
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