बैठक में अवैध जमा स्वीकृति से संबंधित मामलों, साइबर धोखाधड़ी की स्थिति तथा राज्य के सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विभागों में हाल ही में किए गए प्रयासों और उपलब्धियों की जानकारी भी साझा की।
मुख्य सचिव ने वित्तीय स्थिति और इससे संबंधित मामलों पर विभिन्न्न दिशा-निर्देश दिए।
राज्य स्तरीय समन्वय समिति एक ऐसा सहयोगात्मक मंच है, जिसका उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, आईआरडीए, एनएचबी, पीएफआरडीए, कंपनी रजिस्ट्रार तथा राज्य सरकार के गृह, वित्त, विधि विभागों और आर्थिक अपराध शाखा जैसी प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जानकारी के आदान-प्रदान को सुगम बनाना है। समिति का मुख्य उद्देश्य अवैध रूप से जनता से जमा स्वीकार करने वाली अनियमित एवं धोखाधड़ीपूर्ण संस्थाओं की गतिविधियों की रोकथाम और नियंत्रण सुनिश्चित करना है।
बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक, हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम किशोर,
प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, सेबी, नाबार्ड, कंपनी रजिस्ट्रार, आईसीएआई, ट्राई, एनएचबी तथा पीएफआरडीए के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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