मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए इस तरह के आदेश जारी करना न्यायोचित नहीं है। नियम-कानून से संबंधित मामलों में संशोधन के दौरान मानवीय सरोकार को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
आज शिमला में इस संबंध में मुख्यमंत्री से कई कर्मचारी संगठनों ने भेंट की तथा इस अधिसूचना को वापिस लेने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकता कर्मचारियों के हितों को संरक्षित करना है।
श्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही अपने कर्मचारियों को पुरानी पैंशन स्कीम बहाल की। इसके अलावा सरकार द्वारा समय-समय पर उन्हें आर्थिक लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेगी।
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