धर्मशाला, 30 जुलाई 2025
केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा सांसद सुश्री इंदु बाला गोस्वामी के प्रश्न के उत्तर में सदन को सूचित किया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के दौरान तटवर्ती राज्यों को 'वन्य जीव प्राकृतिक वास योजना' के अंतर्गत 5,371.13 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है। इस योजना के तहत देश के विभिन्न तटीय राज्यों को वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास के संरक्षण व विकास हेतु यह आर्थिक मदद प्रदान की गई है1।
राज्य मंत्री ने बताया कि 2024-25 में सबसे अधिक केंद्रीय सहायता ओडिशा राज्य को 1,108.46 लाख रुपये स्वीकृत की गई, जबकि सबसे कम राशि 66.44 लाख रुपये गोवा को मिली। योजना के अंतर्गत अन्य तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निम्नानुसार केंद्रीय सहायता दी गई:
| राज्य/केंद्रशासित प्रदेश | सहायता राशि (लाख रुपये) |
|---|---|
| गोवा | 66.44 |
| गुजरात | 801.58 |
| कर्नाटक | 800.82 |
| केरल | 909.64 |
| महाराष्ट्र | 622.06 |
| ओडिशा | 1,108.46 |
| तमिलनाडु | 661.79 |
| पश्चिम बंगाल | 183.15 |
| लक्षद्वीप | 217.19 |
मंत्री ने स्पष्ट किया कि अंडमान निकोबार और पुडुचेरी को इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में कोई वित्तीय सहायता जारी नहीं की गई।
श्री सिंह ने यह भी जानकारी दी कि 'वन्य जीव प्राकृतिक वास योजना' के तहत तटीय राज्यों को वर्ष 2022-23 में 2,663.37 लाख रुपये और 2023-24 में 3,816.22 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता दी गई थी1।
यह योजना भारत के तटीय क्षेत्रों में जैव-विविधता की रक्षा, वन्यजीवों के संरक्षण एवं उनके प्राकृतिक आवास के सुदृढ़ीकरण हेतु सरकार की महत्वपूर्ण पहल है, जिसका लाभ देशभर के तटीय प्रदेशों की पारिस्थितिकीय सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास में देखने को मिल रहा है।

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