*नशा मुक्त हिमाचल अभियान के तहत कलैहली व मशगां में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित*
कुल्लू, 16 दिसंबर : जिला कुल्लू में नशा मुक्त हिमाचल अभियान के तहत जन-जागरूकता कार्यक्रमों की कड़ी में मंगलवार को ग्राम पंचायत कलैहली के राजकीय माध्यमिक पाठशाला कलैहली तथा ग्राम पंचायत मशगां के रामेश्वरी टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शाड़ाबाई में नशा मुक्त जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने की।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि नशा मुक्त हिमाचल, प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण और प्राथमिकता वाला कार्यक्रम है, जिसकी सफलता के लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिला कुल्लू की 28 ग्राम पंचायतों को नशे के दृष्टिगत संवेदनशील घोषित किया गया है। इन पंचायतों में जिला प्रशासन द्वारा अभियान के रूप में निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत स्वास्थ्य, पुलिस, जनप्रतिनिधि, और समाजिक कल्याण एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से पंचायतों का दौरा कर आम जनता, युवाओं और विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि नशा केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं, बल्कि एक गंभीर बीमारी है। इससे ग्रसित व्यक्ति को इसे छुपाने के बजाय समय पर उपचार करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति का स्वास्थ्य, परिवार, समाज और भविष्य सभी कुछ समाप्त कर देता है । इसलिए युवाओं को नशे से दूर रखकर ही उज्ज्वल भविष्य और सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है।
इस अवसर पर उपायुक्त ने ग्राम पंचायत कलैहली एवं ग्राम पंचायत मशगां की नशा निवारण समिति के सदस्यों के साथ बैठक भी की और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर निरंतर निगरानी, संवाद और जागरूकता से ही नशे पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
इसके उपरांत रामेश्वरी टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस संस्थान के छात्र आने वाले समय में समाज के भविष्य निर्माता बनेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे नशा मुक्त समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
उपायुक्त ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार), उपचार तथा रिपोर्टिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नशे से ग्रस्त व्यक्ति को केवल कानूनी सजा ही नहीं, बल्कि इसकी जीवन में बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ती है, जिसमें परिवार का टूटना, आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तथा जीवन के बहुमूल्य वर्षों का नष्ट होना शामिल है।
उन्होंने कहा कि नशे को छोड़ने के लिए व्यक्ति में केवल इच्छाशक्ति ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक दृढ़ता भी आवश्यक है।
कार्यक्रम में प्रधान ग्राम पंचायत कलैहली फुलां देवी, प्रधान ग्राम पंचायत मशगां सांगय डोलमा, जिला परिषद सदस्य आशा ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव चौहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रंजीत ठाकुर, जिला कल्याण अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा, नशा निवारण समिति कलैहली की अध्यक्ष अनु ठाकुर, मशगां की अध्यक्ष बिंदु, रामेश्वरी टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की मैनेजिंग डायरेक्टर श्रुति शर्मा सहित गणमान्य लोग, नशा निवारण समिति के सदस्य, शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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