सरकार ने अब मोबाइल एप से शुरू की नई व्यवस्था
जिला कल्याण अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारकों के लिए पहचान सत्यापन की नई प्रक्रिया शुरू की है। उन सभी लाभार्थियों को ऑनलाइन ई-केवाईसी करवानी होगी। इसके लिए विभाग ने विशेष मोबाइल एप तैयार किया है और - इसका काम प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
उन्होंने सभी पेंशनधारकों से अपील की है कि वह 31 अगस्त 2025 तक ई-केवाईसी पूरी कर लें। इसके लिए उन्हें नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र जैसे पंचायत सचिव, नगर निगम या स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड, दसवीं का प्रमाण पत्र, पैन कार्ड या जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार का प्रमाण पत्र और बैंक डाकघर पासबुक की प्रति लेकर जाना होगा। इन दस्तावेजों के आधार पर लाभार्थियों का तुरंत सत्यापन किया जाएगा। इस नई पहल से पेंशन प्रक्रिया में गड़बड़ियों और देरी पर रोक लगेगी। साथ ही बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से आसानी से पहचान सत्यापन हो जाएगा और उन्हें कि ई-केवाईसी पूरी होने के बाद पेंशन सीधे बैंक या डाकघर खाते में डीबीटी प्रणाली से पहुंचेगी।
इससे भुगतान में देरी नहीं होगी और पेंशन समय पर मिल सकेगी। पहले जहां लाभार्थियों को महीनों इंतजार करना पड़ता था या दस्तावेजों की गड़बड़ी के कारण राशि अटक जाती थी, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सरल हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिला में वर्तमान में 55805 लोग सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ ले रहे हैं। इनमें वृद्धावस्था पेंशन, विधवा और दिव्यांग पेंशनर शामिल हैं। सरकार इन योजनाओं के तहत पात्र लोगों को हर माह 1000 रुपये से लेकर 1700 रुपये तक की पेंशन देती है।
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