सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस अवधि के दौरान 2,75,004 इंतकाल मामले, 16,258 तकसीम मामले, 27,404 निशानदेही मामले और 7,260 दुरूस्ती के मामलों का निपटारा किया गया है। राज्य के इतिहास में पहली बार आयोजित इस प्रकार की राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लोगों के राजस्व संबंधी मामलों को हल किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राजस्व लोक अदालतों के नियमित आयोजन सेे लोगों को नियमित राजस्व मामलों के समाधान के लिए सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं रही है। सरकार के जनहितैषी प्रयासों के परिणामस्वरूप राजस्व सेवाओं के वितरण में दक्षता सुनिश्चित हुई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निर्देशानुसार सार्वजनिक सेवाओं के वितरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके दृष्टिगत राजस्व अधिकारियों को आवश्यक सेवाओं तक ऑनलाइन पहुंच की सुविधा के लिए तेजी से डिजिटल टूल और कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य प्रदेशवासियों के लिए पारदर्शी, जवाबदेह और तकनीकी रूप से सशक्त शासन पारिस्थितिकी प्रणाली बनाना है।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में, पहली बार अक्तूबर 2023 में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया गया था। इसके पश्चात राजस्व लोक अदालतों को लंबित राजस्व मामलों को हल करने के लिए नियमित अंतराल में आयोजित किया जा रहा है जिसमें तहसील और उप-तहसील स्तर पर समयबद्ध समस्याओं का निवारण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों का सफल आयोजन शासन को और अधिक कुशल, सहभागी और समावेशी बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

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