इस प्रशिक्षण में महिला मंडल, विभिन्न पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि, वन विभाग, होम गार्ड्स, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस, SDRF, खंड विकास कार्यालयों के प्रतिनिधि, आपदा मित्र, DIAG सदस्य तथा विभिन्न पंचायतों से आए हुए स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, DDMA कुल्लू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अपने संबोधन में उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों एवं महिला मंडलों को इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेने और स्थानीय स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि "अग्नि सुरक्षा केवल एक दिन की चर्चा नहीं है, बल्कि हमें इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।"
कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रतिभागियों के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन भी किया जाएगा जिससे उन्हें वास्तविक परिस्थितियों में आग पर नियंत्रण पाने और प्राथमिक उपचार देने के व्यवहारिक ज्ञान की अनुभूति हो सके।
DDMA कुल्लू के समन्वयक श्री राकेश कुमार ने जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण सेंटरल इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, यमुनानगर, हरियाणा के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा है। प्रशिक्षण देने वाले प्रमुख प्रशिक्षकों में परविंदर सिंह (HSE कंसल्टेंट), श्री कुलदीप सिंह तथा मनीक कुमार शामिल हैं।
जिला कुल्लू भौगोलिक दृष्टि से वन अग्नियों एवं घरेलू अग्निकांडों की दृष्टि से अति संवेदनशील है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से स्थानीय लोगों एवं अग्रिम पंक्ति के उत्तरदाताओं की क्षमता में वृद्धि होगी और आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

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