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त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित



रावी नदी में भारी भूस्खलन से बनी कृत्रिम झील से  खतरे  के आधार पर किया गया राहत एवं बचाव कार्य


समीक्षा के पश्चात सुझाव बनेंगे जिला आपदा प्रबंधन योजना  का हिस्सा–मुकेश रेपसवाल

चंबा, मई 16 

चंबा  जिला में प्राकृतिक आपदाओं के  दृष्टिगत  त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित बनाने को लेकर उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण  (डीडीएमए) मुकेश रेपसवाल की देखरेख में वीरवार को  एक  मेगा मॉक ड्रिल  का आयोजन किया गया। 
उपमंडल भरमौर के तहत खड़ामुख  के  समीप रावी नदी में  ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र से भारी भूस्खलन की वजह से बनी  अस्थाई झील से निचले क्षेत्रों में पैदा हुए भारी बाढ़ से संभावित खतरे  को आधार मानकर  राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजना के बांध से संबंधित आपदा परिदृश्य की स्थिति में परिचालन तत्परता, समन्वय तंत्र और वास्तविक समय प्रतिक्रिया क्षमता  के परीक्षण  को  एक बड़े पैमाने पर अभ्यास  किया गया । 
मॉक ड्रिल में एसडीएम चंबा प्रियांशु खाती ने इंसिडेंट कमांडर  की भूमिका निभाते हुए नागरिक प्रशासन का प्रतिनिधित्व  किया तथा उल्लेखनीय भागीदारी और प्रमुख हितधारक के रूप में राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजनाओं और संबंधित विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने  अपनी सक्रिय भागीदारी अदा की । 

मॉक ड्रिल के दौरान नेतृत्व एवं घटनाक्रम

सुबह 9:40 बजे  राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजना चमेरा-3   के मुख्य प्रबंधक को  बांध प्रभारी से खड़ामुख  के  समीप रावी नदी में   भारी भूस्खलन   से निर्मित कृत्रिम झील की सूचना मिलते ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा डिप्टी कमांडेंट सीआईएसफ को सूचित करने के पश्चात जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र  को अलर्ट भेजा गया। 
डिप्टी कमांडेंट सीआईएसफ ने राष्ट्रीय चल विद्युत परियोजना की ओर से  इंसिडेंट कमांडर की भूमिका का  निर्वहन किया। 
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र  ने तुरंत आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी   विभागीय अधिकारियों  को सतर्कता संदेश भेजा। 
सीआईएसफ, अग्निशमन, होमगार्ड ,स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, खाद्य आपूर्ति  विभाग सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी एवं बचाव दल   स्टेजिंग एरिया करियां हेलीपैड को तत्काल रवाना हुए।
बग्गा डैम तथा  मैहला घार  में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आवश्यक मशीनरी,  उपकरणों सहित  बचाव दलों, मेडिकल रिस्पांस टीम को भेजा गया। 
करियां के पास   बढ़े जलस्तर में फंसे लोगों को  सुरक्षित निकालने के लिए लिए बचाव दल  ने  समन्वय आधारित गतिविधियों से तेज जल प्रवाह में बचाव कार्यों के लिए निर्धारित  प्रोटोकॉल का  पालन करते हुए  बचाव  पूर्वाभ्यास किया। 


आवश्यक सुझाव  बनेंगे डीडीएमपी   का हिस्सा —मुकेश रेपसवाल

हित धारकों के समन्वित दृष्टिकोण  एवं प्रयासों की भी की  सराहाना


उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण   मुकेश रेपसवाल ने मॉक ड्रिल के सफल आयोजन पर   संबंधित सभी विभागीय अधिकारियों, राष्ट्रीय जल विद्युत निगम के परियोजना प्रबंधन एवं हित धारक- प्रतिक्रिया एजेंसियों के प्रयासों ,  त्वरित कार्रवाई, अनुशासित भागीदारी और समन्वित दृष्टिकोण  को सराहा। 
उन्होंने  कहा कि  चूंकि  जिला चंबा  प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से अति संवेदनशील है। ऐसे में वास्तविक आपदाओं के दौरान प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के दृष्टिगत ऐसे  पूर्वाभ्यास  मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का परीक्षण करने में  महत्वपूर्ण रहते हैं,  साथ में  मौजूदा आपातकालीन योजनाओं और प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल को परिष्कृत करने के लिए भी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होती है । 
मुकेश रेपसवाल ने यह भी कहा कि मॉक ड्रिल की विस्तृत समीक्षा करने के  पश्चात  आवश्यक सुझावों को जिला आपदा प्रबंधन योजना (डीडीएमपी)  का हिस्सा बनाया जाएगा ।

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