प्रथम सत्र में एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सिंह ने 'प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण यानि एनएलपी में एआई की सहायता से नवीनत्तम विकास' विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एनएलपी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अत्याधुनिक तकनीकों का विकास हो रहा है। डॉ. प्रदीप सिंह ने प्रायोगिक लैब सत्र में प्रतिभागियों को एनएलपी से संबंधित टूल्स एवं मॉडल्स का अभ्यास भी करवाया।
द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ सत्र का संचालन सी-डैक मोहाली के विशेषज्ञ रोहन धलोड़ ने किया। द्वितीय सत्र में उन्होंने 'आर्डुइनो यूनो के साथ आईओटी की नींव-प्रोग्रामिंग एंड क्लाउड इंटीग्रेशन' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को आर्डुइनो यूनो के उपयोग से अवगत करवाया और बताया कि किस प्रकार इसे क्लाउड प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा सकता है। इसके पश्चात एक प्रायोगिक सत्र भी हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने इन तकनीकों को प्रयोगशाला में स्वयं कार्यान्वित किया।
तृतीय सत्र में रोहन धलोड़ ने 'हैंड्स-ऑन आईओटी कम्युनिकेशन आर्डुइनो के साथ विभिन्न मॉड्यूल्स का इंटरफेसिंग पर प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागियों ने सीखा कि किस प्रकार विभिन्न कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल्स का उपयोग कर आर्डुइनो को अन्य डिवाइसेज़ से जोड़ा जा सकता है।
अंतिम सत्र में उन्होंने 'रास्पबेरी पाई का परिचय एवं आईओटी में इसका अनुप्रयोग विषय पर व्याख्यान दिया। इस सत्र में सी-डैक मोहाली के अन्य विशेषज्ञ राहुल ने भी सहभागिता की और रास्पबेरी पाई यानि एटीएम कार्ड के साइज के कंप्यूटर के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य चंद्रशेखर ने विशेषज्ञ वक्ताओं को स्मृति चिह्न प्रदान किए तथा सभी प्रतिभागियों को अत्याधुनिक तकनीक की बारीकियां सीखने और अध्यापन एवं अनुसंधान कार्यों में इनका उपयोग करने का आह्वान किया।

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